Thursday 12 July 2012

माँ छिन्नमस्तिके मंदिर (झारखण्ड )


कृपया कमजोर दिल वाले व्यक्ति  प्रथम तीन फोटो ही देंखे ! 
Picture taken by my Camera :Sony DSC-S5000

आइये आपको ले चलते है झारखण्ड प्रान्त के रामगढ जिले के माँ छिन्नमस्तिके मंदिर में, यह मंदिर दामोदर और भैरवी नदी के संगम पर बना हुआ है ! यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शक्तिपीठ है !
यहाँ मांगी मन्नत हमेशा पूरी होती है।.............



माँ  छिन्नमस्तिके के दर्शन के लिए लगी लाइन
अगर आपको कोई मन्नत मांगनी हो तो कलावा में एक छोटा पत्थर बांध कर यहाँ लटका सकते है 


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Caution !
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मंदिर में बलि प्रथा भी प्रचलित है 
इन बकरों ने क्या पाप किया है ?
प्रसाद की तैयारी करते भक्त गण 
दीन दुनिया से बेखबर अपनी धुन में मस्त एक मछुआरा 


प्रिय ब्लॉगर साथियों मेरे पास पोस्ट के सम्बन्ध में लिखने का समय नहीं था इसलिए तब तक फोटो देखिये पोस्ट भी शीघ्र ही !

धन्यवाद !

5 comments:

  1. देवी देवताओं की पूजा करना और उन पर विश्वास कर अपना काम बनाना तो ठीक है लेकिन बलि देख मन को अच्छा नहीं लगता ...हमारे गाँव में भी इस तरह की प्रथा है और मैं जब भी गाँव जाती हूँ तो बड़े-बुजुर्गों से बात कर इसे रोकने की बात करती हूँ ...कई लोगों का मत होता है रोज ही तो कई मुर्गे-बकरियां कटती हैं लेकिन उन्हें समझाना कठिन होता है कि कोई-देवी-देवता अपने लिए बलि कभी मांगता नहीं है ..यदि उसे प्रसाद समझा जाता तो जहाँ भैंसे के बलि दी जाती हैं उसे क्यूँ फेंकते ..खाते क्यों नहीं ...खैर कोशिश करते रहना चाहिए धीरे धीरे लोग समझ रहे हैं और यह प्रथा बंद भी हो रही है...आप जब फुर्सत से हो तो मेरी इस विषय में यह ब्लॉग पोस्ट देखिएगा ...
    http://kavitarawatbpl.blogspot.in/2011/07/blog-post.html
    लिखते रहिये आपको मध्य प्रदेश अच्छा लगा जानकार ख़ुशी हुयी. .वैसे भोपाल भी बहुत अच्छी जगह है ....

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  2. Apka bahut dhanyabad Kavita ji blog padhne sorry dekhne ke liye..
    Ham log chahe samaj ke prati kitne bhi jimmedar ho jaye, par dharmik kureetiyon ke khilaf kisi ki bolne ki himmat nahin hoti..
    halanki yah photo maine bahut chupke se li thi anyatha vo log mujhe camara nahin nikalne de rahe the...

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  3. माँ छिन्नमस्तिके के दर्शन करवाने के लिए आभार

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